मिस्र ( EGYPT) के पिरामिड के बारे में रोचक जानकारियाँ !
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मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन (सम्राट) गणों के लिए बनाए गए स्मारक स्थल
हैं, जिनमें राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित
रखा गया है।
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इन शवों को ममी कहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान, पेय पदार्थ,
वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र,
हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था।
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म्रिस के इस महान पिरामिड को लेकर अक्सर सवाल उठाये जाते रहे हैं कि बिना
मशीनों के, बिना आधुनिक औजारों के मिस्रवासियों ने
कैसे विशाल पाषाणखंडों को ४५० फीट ऊंचे पहुंचाया और इस बृहत परियोजना को महज २३
वर्षों मे पूरा किया.
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यह २५ लाख चूनापत्थरों के खंडों से निर्मित है जिनमें से हर एक का वजन २ से ३०
टनों के बीच है।
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विशेषज्ञों के मुताबिक पिरामिड के बाहर पाषाण खंडों को इतनी कुशलता से तराशा
और फिट किया गया है कि जोड़ों में एक ब्लेड भी नहीं घुसायी जा सकती।
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मिस्र के पिरामिडों के निर्माण में कई खगोलीय आधार भी पाये गये हैं, जैसे कि तीनों पिरामिड आ॓रियन राशि के तीन तारों की सीध में हैं।
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वर्षों से वैज्ञानिक इन पिरामिडों का रहस्य जानने के प्रयत्नों में लगे हैं
किंतु अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
Ø ग्रेट पिरामिड एक पाषाण-कंप्यूटर जैसा है। यदि इसके किनारों की लंबाई, ऊंचाई और कोणों को
नापा जाय तो पृथ्वी से संबंधित
भिन्न-भिन्न चीजों की सटीक गणना की जा सकती है।
Ø ग्रेट पिरामिड में पत्थरों का प्रयोग इस प्रकार किया गया है कि इसके भीतर का तापमान हमेशा स्थिर और
पृथ्वी के औसत तापमान २० डिग्री सेल्सियस के बराबर रहता है। यदि इसके पत्थरों को
३० सेंटीमीटर मोटे टुकड़ों मे काट दिया जाए तो इनसे फ़्रांस के चारों आ॓र
एक मीटर ऊंची दीवार बन सकती है।
Ø पिरामिड में नींव के चारों कोने के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाये गये हैं
ताकि उष्मा से होने वाले प्रसार
और भूंकप से सुरक्षित रहे।
Ø मिस्रवासी पिरामिड का इस्तेमाल वेधशाला, कैलेंडर, सनडायल और सूर्य की परिक्रमा में
पृथ्वी की गति तथा प्रकाश के वेग को जानने के
लिए करते थे।
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कुछ लोग पिरामिडों में स्थित जादुई असर की बात भी करते हैं जो मानव स्वास्थ्य
पर शुभ प्रभाव डालता है
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गिज़ा का सबसे बड़ा पिरामिड 146 मीटर उँचा था। ऊपर का 10
मीटर अब गिर चुका है।
उसका आधार क़रीब 54
या 55 हज़ार मीटर का है। अनुमान है कि 3200 ईसा पूर्व उसे बनाया गया था। यह इसके बावजूद है कि उस समय की मिस्रियों की
टेक्नोलॉजी शून्य के समान थी .
Source from Wikipedia
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