भारत में खेल , एक संघर्ष.. क्यों ?
क्योकि भारत में खेल एक बिज़नेस बन चूका है और यहाँ पर केवल एक ही तरह के खेल को ज़्यादा महत्व दिया जाता है ! वो है क्रिकेट ! अब इस समय क्रिकेट के एलावा किसी और खेल को प्रोत्साहित करने की कोशिस नहीं की जाती है! पहले क्रिकेट सिर्फ दो तरीके से खेला जाता था टेस्ट एंड डे नाईट का मैच , लेकिन अब क्रिकेट अब केवल बिज़नेस के लिए खेला जाता है जिसमे बड़ी बड़ी कम्पनिया अपना पैसा लगाती है और खिलाड़ियों की बोली लगाती
एक तरीके से देखा जाये तो इंडिया से लगभग क्रिकेट को छोड़ कर हर खेल लगभग विलुप्त होते जा रहे या उन खेलो का महत्त्व काम होता जा रहा है ! इसका एक मेन कारण है बाकी खेलो को प्रोत्साहित न करना !
भारत की पूर्व एथलीट अश्विनी नाचप्पा ने कहा कि, भारत में खेल को कैरियर विकल्प के रूप में बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है, इसलिए खिलाड़ियों का खेल से मोभन हो रहा !उन्होंने कहा, "देश के लिए पदक पाने के लिए कई वर्षों तक खेल लोग संघर्ष करते हैं, लेकिन एक बार जब वे रिटायर होते हैं, तो उन्हें नौकरी नहीं मिलती है।"
अगर भर्ती सरकार क्रिकेट साथ साथ अन्य खेलो के कहिकादियो को भी प्रोत्साहित करे तो तो फिर इंडिया को खेलो को कभी संघर्ष न करना पड़े !
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