Tajawal

Wednesday 3 August 2016

जेल में मौत की सजा काट रहे भारतीय कैदी को दिल दे बैठी विदेशी गर्ल

जेल में  मौत की सजा काट रहे भारतीय कैदी को दिल दे बैठी विदेशी गर्ल
 इंडोनेशिया की जेल में मौत की सजा का फरमान जारी करवा चुके भारतीय युवक को वहीं पर दिल दे बैठी एक विदेशी गर्ल|
ये फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि जालंधर के नकोदर के रहने गुरदीप सिंह की है| गुरदीप ड्रग के धंधे की पहली डील में ही पकड़ा गया और मौत की सजा पाने के बाद जब जेल में था तो किसी फरिश्ते की तरह तेरह साल छोटी इंडोनेशियाई लड़की मारवती सामने आई| मारवती से शादी को उसने इस्लाम धर्म अपना लिया|
गुरदीप ने बताया कि मारवती का चचेरा भाई सुरयाजी हमारी बैरक में था| तीन हफ्ते बाद उसकी पत्नी उसका हाल जानने आई थी| जब सुरयाजी दूसरी जेल में शिफ्ट हो गया| कुछ हफ्ते बाद एक लड़की जेल में मुझसे मिलने आई| उसने बताया कि वह सुरयाजी की कजन है| भाभी ने आपका हाल पूछने को बोला था|
गुरदीप ने बताया कि मैने उससे कुछ सामान मंगवाने के लिए मदद मांगी| दोस्ती के बाद प्यार हुआ और मैंने पूछ लिया कि क्या मुझसे शादी करोगी| मारवती ने कहा कि गुरदीप से पहली नजर में प्यार हो गया था| मेरे भाई दूसरी जेल में थे| भाभी ने कहा था कि अगर हो सके तो गुरदीप का हाल जानने चली जाया कर|
मारवती ने बताया कि माता-पिता और भाई से अपने दिल की इच्छा जाहिर की| उन्होंने मना कर दिया| एक साल मैं लगातार परिवार को मनाने में लगी रही, फिर उनकी मर्जी के बगैर 17 नवंबर 2005 में हमने जेल में ही शादी कर ली| उस समय हफ्ते में चार दिन जेल वाले मारवती से मिलने देते थे|
गुरदीप ने बताया कि मारवती पिछले 11 सालों से वह मुझे बचाने के लिए अदालतों के चक्कर काट रही है, मानवाधिकार संगठनों से मिलना और सरकार के उच्च अधिकारियों से मेरी सजा माफी के लिए दिन-रात कोशिश कर रही है| मारवती ने भी जेल से एक किमी दूर किराए पर घर ले लिया था|

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