Tajawal

Wednesday 19 April 2017

सऊदी अरब अपने देश से बाहर निकालेगा 10 लाख प्रवासी

सऊदी अरब अपने देश से बाहर निकालेगा 10 लाख प्रवासी
रियाध: www.worldnewsarabia.com  जनरल डायरेक्टर ऑफ़ पासपोर्ट और श्रम एवं सामाजिक विकास मंत्रालय के अनुसार, अवैध रूप से सऊदी अरब में रह रहे प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने के अभियान के नतीजे बहुत सकारात्मक देखने को मिल रहे हैं. इस अभियान के ख़त्म होने में में अभी 70 दिन बाकी हैं.
इस अभियान के ज़रिये सऊदी अरब प्रशासन वहां रह रहे प्रवासी, जिनके वीज़ा की अवधि ख़त्म हो चुकी है, को बिना किसी जुर्माने या सजा के वापस उनके देश भेज रहा है. इन प्रवासियों को एग्जिट फिंगरप्रिंट के नियम से भी छूट दी गयी है. इससे उन्हें बाद में कानूनी तौर पर सऊदी अरब में दोबारा प्रवेश करने या वापस आने में भी मदद मिलेगी.
इस अभियान ए नेशन विदाउट वॉयलेटर्ससे 19 सरकारी संस्थाएं जुड़ी हुई हैं. ये संस्थाएं कम से कम 1 मिलियन यानि 10 लाख लोगों को इन तीन महीनों के भीतर देश छोड़ने में मदद करेंगी. ये लोग अवैध प्रवासी की श्रेणी में आते हैं. 4 साल पहले शुरू किये गए इस अभियान ने 5.5 मिलियन यानि 55 लाख अवैध प्रवासियों की देश छोड़ने में मदद की है.
जनरल डायरेक्टरेट ऑफ़ पासपोर्ट ने अपने ट्विटर अकाउंट के ज़रिये उर्दू, अंग्रेजी, इन्डोनेशियन, अरबी और अन्य भाषाओँ में ट्वीट करके बताया कि 29 मार्च को शुरू किये गए इस अभियान का लाभ कैसे उठाएं.
इस अभियान में लाखों की संख्या में लोग पहुंचे हैं, तकरीबन 13 प्रान्तों में 80 स्थानों पर 13 मामले प्रतिदिन के हिसाब से आ रहे हैं. रियाध में 10, कुँसिमोड़ो में 7, मक्का में 12, अल-बाब में 2, असीर में 3, मदीना और उत्तरी सीमावर्ती इलाके में 4-4, जजान में 2, हेल में 3, नजरान में 5, अल-जौदेह में 4, ताबुक में 6 और पूर्वी प्रांत में 16 स्थान बनाये गए हैं जहाँ ऐसे प्रवासी संपर्क कर सकते हैं.
आंतरिक प्रवक्ता मेजर जनरल मंसूर अल-टर्की ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के साथ संयुक्त निरीक्षण के माध्यम से अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियां ​​एक साथ काम कर रही हैं. कसीम में श्रम और सामाजिक विकास मंत्रालय की शाखा के जनरल डायरेक्टर तुर्की अल-माने ने कहा कि अभियान के ज़रिये कम से कम 10 लाख उल्लंघनकर्ता देश से बाहर भेजे जायेंगे.
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में यह अपने राज्य का दूसरा अभियान है. इसी अभियान को पहली बार 2013 में ऐसे अवैध निवासियों के लिए अलग-अलग नौकरियों में काम करने वाले एक्सपेट्स को लक्षित करके लॉन्च किया गया था, जिनके वीज़ा की या वर्क परमिट की अवधि ख़त्म हो गयी थी. उस समय करीब 30 लाख अवैध प्रवासियों को बाहर भेजा गया था.
उन्होंने कहा कि ये अभियान कंपनियों और प्रतिष्ठानों की अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करेगा और छोटे व्यवसायों और परियोजनाओं की गैरकानूनी व्यापारियों से रक्षा करेगा, साथ ही बेरोजगारी की दरें भी कम होंगी और एक सुरक्षित आर्थिक और सामाजिक वातावरण बनायेगा.
एआर रस्स के पासपोर्ट के महानिदेशक मोहम्मद अल-सईघ ने रविवार को कहा कि यह छूट तीन महीने की अनुग्रह अवधि के दौरान जुर्माना और अन्य दंड पर लागू होती है, साथ ही निर्वासित उल्लंघनकर्ताओं को उंगलियों के निशान के नियम से भी छूट मिलती है. उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे प्रवासी इस नियम के चलते सरलता से देश छोड़ गए हैं.
सार्वजनिक सुरक्षा के समन्वय में श्रम मंत्रालय ने हाल ही में सऊदी बाज़ार में भर्ती कंपनियों के साथ अभियान में उनकी भूमिकाओं पर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की. मंत्रालय के उप निदेशक अदनान अल-नैम ने कहा कि सऊदी बाज़ार में भर्ती कंपनियों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऐसी 30 कंपनियां हैं और पूरे राज्य में 440 कार्यालय हैं. इन कंपनियों का 70 प्रतिशत राष्ट्रीयकरण दर और उल्लंघन की बहुत कम दर है.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन नाइएफ ने उल्लंघनकर्ताओं से आग्रह किया कि उन्हें आवंटित अनुग्रह अवधि के दौरान मिले अवसर का लाभ उठाएं, और सभी इस अभियान के लक्ष्य को हासिल करने में सहयोग करें.
उन्होंने इस अवधि के दौरान उल्लंघनकर्ताओं के अपने देश वापस लौटने की सुविधा प्रदान करने और उनके जाने को सरल बनाने और जुर्माने से छूट दिए जाने का निर्देश दिया.

http://www.worldnewsarabia.com/arab-news/saudi-arabia-will-expel-10-million-people-from-their-home-country-12161/

Sunday 9 April 2017

दाऊद इब्राहिम जुर्म के दुनिया का सबसे बड़ा नाम

दाऊद इब्राहिम का जन्म 27 दिसंबर 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ था। दाऊद ने स्कूल स्तर पर ही पढ़ाई छोड़ दी थी। अपने शौक और बुरी आदतों के लिए दाऊद ने बचपन में ही ड्रग्स स्पलाई, चोरी, डकैती, लूटपाट इत्यािदी करना शुरु कर दिया। दाऊद के पिता पुलिस में थे लेकिन बेटे ने पैसा कमाने के लिए शॉर्टकट चुना और उसी रास्ते पर आगे चलकर वह बन गया भारत का सबसे बड़ा क्रिमिनल। दाऊद ने अपने आपराधिक करियर की शुरुआत करीम लाला के गैंग से की थी जो उस वक्त मुंबई का जाना माना अपराधी हुआ करता था। 1980 के दशक में दाऊद का नाम मुंबई अपराध जगत में तेजी से उभरा और उसकी पहुंच बॉलीवुड से फिल्म जगत से लेकर सट्टे की दुनिया तक पहुंच गई। अंडरवर्ल्डु डॉन दाऊद इब्राहिम ने 1986 में टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में आया था और पाकिस्तान को बुरी तरह हराने पर सभी खिलाडि़यों को गाड़ी देने का ऑफर किया था। लेकिन कपिल देव ने उन्हें डाॅटकर भगा दिया। दाऊद इब्राहिम सेंट्रल बैंक द्वारा दिए गए डॉलर में लोन को नहीं चुका पाया था, जिसके कारण बैंक ने उसका नाम डिफॉल्टरर की लिस्ट में डाल दिया। दाऊद के बारे में एक रोचक तथ्य यह भी है कि वो क्रिकेट मैच में भारत की हार पर वह रो पड़ता था। दाऊद के साथ हमेशा 1 डाॅक्टर और 2 नर्से रहती है। पाकिस्तान के क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे के साथ दाऊद की बेटी माहरुख की शादी हुई थी। इस शादी के बाद जावेद के भारत आने पर प्रतिबंध लग गया। दाऊद बाॅलीवुड की कुंवारी लड़कियो के साथ मनोरंजन करना पसंद करता है वह इसके लिए 5 लाख तक खर्च कर सकता है। कहा जाता है कि कई डायरेक्टर्स को तो दाऊद ने खुद अपने ऊपर फिल्म बनाने को कहा था। दाऊद के जीवन पर अब तक डी, डी-डे, वंस अपोन एक टाइम इन मुंबई, शूटआउट इन लोखंडवाला और ब्लैक फ्राइडे जैसी फिल्में बन चुकी है। . अगर कोई दाऊद से पैसे मांगता है तो वो यह नहीं पूछता की क्योंे और कितना चाहिए। वह हमेशा ही इस मामले में नि:स्वाोर्थ रहता है। दाऊद का सपना है कि वह भारत में आकर “राजनीति” करें और हथियारो के दम पर सभी तरह के बिल पास हो। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार दाऊद के पास इस वक्त 7 बिलियन डॉलर यानी तकरीबन 35 हजार करोड़ की संपत्ति है। अब तक जुर्म के पेशे में रहकर किसी शख्स ने इतनी दौलत नहीं बनाई है।

महराजगंज के कोल्हुई में आग का कहर , 100 एकड़ फसल जल कर ख़ाक

महराजगंज के कोल्हुई में आग का कहर , 100 एकड़ फसल जल कर ख़ाक ग्राम सभा सोनपिपरी और परमेशरापुर के सीवान में गेहूं की फसलों में अचानक आग लगने से तमाम किसानों की 100 एकड़ अधिक फसलें जलकर राख हो गई।ग्राम सभा सोनपिपरी और परमेशरापुर ग्राम सभा के सीवान में खेतों में गेहूं की फसल में शनिवार को दिन के करीब 3 बजे अचानक आग लग गई। पछुआ हवाओं ने कहर से भीषण आग तेजी के साथ आगे बढ़ती ही गई।दो घंटे के अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। बार बार सूचना के बाद भी दमकल आग बुझने के बाद पहुंचा। जिसपर किसानों का गुस्सा फूट गया। और लोग दमकल पर ईंट पत्थर आदि बरसाने लगे।चालक को गंभीर चोटें भी आ गई!सोनपीपरी व परमेसरापुर के सैकड़ो किसानों के सैकड़ों एकड़ फसलें जलकर राख हो गई।

Thursday 6 April 2017

८० साल की जैबुन्निसा को दे दिया तलाक़ ! मुस्लिमो में अशिक्षा होने के कारण आ रहा ऐसा मामला !


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रमजान का महीना आने के करण पहलु खान ने दुधारू गाय खरीदी थी! लेकिन गौरक्षको ने पीट पीट कर उनकी हत्या कर दी ! उनके पास गाय खरीदने का सभी जरूरी दस्तावेज भी थे! मुस्लिम होने के कारण पहलु खान को निसान बनाया गाय ! और ड्राइवर अर्जुन जो हिन्दू धर्म का था उसे सुरक्षित जाने दिया गया ! अब पता नहीं सरकार इन गौरक्षक हत्यारो को क्या सजा देगी.

रमजान का महीना आने के करण पहलु खान ने दुधारू गाय खरीदी थी! लेकिन गौरक्षको ने पीट पीट कर उनकी हत्या कर दी ! उनके पास गाय खरीदने का सभी जरूरी दस्तावेज भी थे! मुस्लिम होने के कारण पहलु खान को निसान बनाया गाय ! और ड्राइवर अर्जुन जो हिन्दू धर्म का था  उसे सुरक्षित जाने दिया गया ! अब पता नहीं सरकार इन गौरक्षक हत्यारो को क्या सजा देगी.

Wednesday 5 April 2017

डॉ. ऐ॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन और उनका सम्मान:-

डॉ. ऐ॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन और उनका सम्मान:-
1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े। अब्दुल कलाम को परियोजना महानिदेशक के रूप में भारत का पहला 

स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ। 1980 में इन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा 

के निकट स्थापित किया था। इस प्रकार भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया। इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम

 को परवान चढ़ाने का श्रेय भी इन्हें प्रदान किया जाता है। कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र (गाइडेड मिसाइल्स)

 को डिजाइन किया। इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों को स्वदेशी तकनीक से बनाया था। कलाम जुलाई 1992 से दिसम्बर 

1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव थे। उन्होंने रणनीतिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का उपयोग आग्नेयास्त्रों के रूप में किया। इसी प्रकार पोखरण में दूसरी बार परमाणु परीक्षण भी परमाणु ऊर्जा के साथ 

मिलाकर किया। इस तरह भारत ने परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता अर्जित की। कलाम ने भारत

 के विकासस्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की। यह भारत सरकार के

 मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे। 1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में वापस निदेशक के तौर पर आये

 और उन्होंने अपना सारा ध्यान "गाइडेड मिसाइल" के विकास पर केन्द्रित किया। अग्नि मिसाइल और पृथवी मिसाइल का सफल

 परीक्षण का श्रेय काफी कुछ उन्हीं को है। जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। उनकी 

देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
सम्मान का वर्ष
सम्मान/पुरस्कार का नाम
प्रदाता संस्था
2014
2012
डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ (मानद उपाधि)
2011
आइ॰ई॰ई॰ई॰ मानद सदस्यता
आइ॰ई॰ई॰ई॰
2010
2009
2009
ए॰एस॰एम॰ई॰ फाउण्डेशन, (सं॰रा॰अमे॰)
2009
वॉन कार्मन विंग्स अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड
2008
डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग (मानद उपाधि)
2008
डॉक्टर ऑफ साइन्स (मानद उपाधि)
2007
डॉक्टर ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलॉजी की मानद उपाधि
2007
किंग चार्ल्स II मेडल
रॉयल सोसायटी, यूनाइटेड किंगडम
2007
डॉक्टर ऑफ साइन्स की मानद उपाधि
2000
अल्वार्स शोध संस्थान, चेन्नई
1998
1997
1997
भारत सरकार
1994
विशिष्ट शोधार्थी
1990
भारत सरकार
1981
भारत सरकार


Source from Wikipedia 

कोल्हुई कस्बे में पेट्रोल पम्प के पास तेज रफ्तार से जा रही कार विद्युत पोल व ट्रक से टकराकर पलट गई कार में सवार तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो अन्य व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गए हैं।

कोल्हुई कस्बे में पेट्रोल पम्प के पास तेज रफ्तार से जा रही कार विद्युत पोल व ट्रक से टकराकर पलट गई कार में सवार तीन लोगों की मौके पर...