Tajawal

Wednesday 27 January 2016

एक हिन्दू ने 300 साल पुरानी बिस्किट से भी छोटी कुरान सहेज कर रखी है। इसके लिए उसने एक करोड़ का ऑफर भी ठुकरा दिया।वो छोटी सी चीज है मुस्मलमानों का पवित्र ग्रंभ कुरान, जिसे पंजाब के कपूरथला में रहने वाले एक परिवार ने 30 दशकों से संभाल रखा है। यह कुरान 2.5 सेंटीमीटर लंबी, 2 सेंटीमीटर चौड़ी और 1 सेंटीमीटर मोटाई वाली है। 385 पन्नों की इस कुरान में हर पन्ने पर 8 आयतें लिखी हैं। परिवार इसके 300 साल पुरानी होने का दावा करता है।
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कपूरथला के मोहब्बत नगर निवासी संजीव कुमार सूद ने इस नायाब कुरान शरीफ को दिखाते हुए बताया कि इस्लाम धर्म के इस पावन ग्रंथ को पूरी मर्यादा के साथ सहेज कर रख रहे हैं। उनके घर में यह परंपरा उनके दादा जसवंत राय सूद के समय से चली आ रही है। इस नायाब सूक्ष्म कुरान शरीफ को वह हरे रंग के कपड़े में लपेट कर अपनी तिजोरी में रखते हैं।
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सूद ने बताया कि उनके दादा जी गणित के शिक्षक थे। उन्हें कपूरथला रियासत के एक वजीर ने यह दुर्लभ कुरान शरीफ भेंट की थी। इस कुरान शरीफ को एक लोहे के छोटे केस में अदब के साथ रखा हुआ था और उसके ऊपर एक लेंस लगा हुआ था। जिसकी मदद से इसे पढ़कर अल्लाह की इबादत की जाती थी। अब लेंस किसी वजह से टूट गया है।
सूद ने बताया कि दुबई से कुछ शेख आए थे। उन्होंने इस कुरान शरीफ को बहुत ही नायाब और दुर्लभ बताया था। उन्होंने इस कुरान शरीफ को लेने के लिए पेशकश दी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। उनके दादा के बाद उनके पिता शिवदर्शन कुमार सूद भी इस परंपरा को आगे बढ़ाते रहे और अब वह खुद इसका अनुसरण कर रहे हैं।
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संजीव सूद ने बताया कि दुबई से आने वाले शेख ने ही उन्हें बताया कि यह अमूल्य धरोहर है। इसे हरे रंग के कपड़े में पूर्ण मर्यादा के साथ सहेज कर अपने सिर से ऊपर रखें। उनके कहे अनुसार इसका पूरा पालन हो रहा है। 1982-83 में लाहौर से तीन मुसलमान भाई जालंधर आए थे। वह भी इस कुरान शरीफ को देखने के लिए खास तौर पर उनके पास आए थे। सूद के मुताबिक सात साल पहले जालंधर से मौलवी भी आए थे।
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पांच साल पहले 2010 में इस सूक्ष्म कुरान शरीफ की वीडियो सीडी तैयार करके लंदन के म्यूजियम में भी भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इस कुरान शरीफ के लिए उन्हें एक करोड़ रुपये तक की पेशकश मिल चुकी है, लेकिन वह अपने पूर्वजों की इस धरोहर की कीमत नहीं लगाएंगे।

Wednesday 20 January 2016

मौलाना जरजीस पर बलात्कार का आऱोप , बनारस के गांव जलालीपुरा की रिहाना परवीन (बदला हुआ नाम) ने शहर के एक चर्चित मौलाना जरजीस पर बलात्कार का आरोप लगाया है। पीड़िता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी से इंसाफ मांगा। एसएसपी ने बनारस के एसएसपी से बात करके पीड़ित युवती को पुलिस अभिरक्षा में बनारस भेज दिया। 
मीडिया  रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित युवती इंसाफ के लिये दो दिन पूर्व इटावा आयी। यहां उसे कुछ मौलानाओं का समर्थन मिला। युवती मकसूदपुरा में एक घर में रुकी तो बीती रात आरोपी मौलाना के समर्थकों ने वहां भीड़ के साथ पहुंचकर हंगामा काटा। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता युवती को अपने साथ सुरक्षित थाने ले आयी। पीड़िता के कुछ समर्थकों ने एसएसपी से उनके आवास पर बातचीत की और पीड़िता की ओर से शपथ पत्र व एक प्रार्थना पत्र एसएसपी को दिया, जिसमें पीड़िता ने शहर के एक चर्चित मौलाना पर शादी का झांसा देकर अप्राकृतिक ढंग से लगातार यौन सम्बन्ध बनाने, शादी से इन्कार करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही पीड़िता सहित उसके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी है। पीड़िता ने शपथ पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि आरोपी मौलाना ने बनारस में अपने साथियों के साथ जबरन अपने बचाव में शपथपत्र पर हस्ताक्षर करा लिये और जबरन उसके साथ बलात्कार किया।
एसएसपी मंजिल सैनी का कहना है कि उन्होंने बनारस के एसएसपी से बात करके पीड़िता की एफआईआर दर्ज कराने का आग्रह किया है। घटना बनारस की है इसलिए केस भी वहीं दर्ज होगा। एसएसपी ने बताया कि उन्होंने पीड़िता की पूरी बात सुनी और उसे इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस अभिरक्षा में बनारस भेजा जा रहा है।
बताते चलें कि जरजिस अपनी तकरीरों के सिलसिले में देश और देश के बाहर जाते रहते है इसी दौरान बनारस में उनके रिहाना से संबध स्थापित हो गए।

Monday 18 January 2016

डॉ मौरिस बुकाय फ्रांस के सबसे बड़े डाक्टर थे, और उनका धर्म ईसाई था ॥
1898 मे जब मिस्र मे लाल सागर के किनारे एक अति प्राचीन मानव शरीर मिला जो आश्चर्यजनक रूप से हज़ारों साल गुजर जाने के बाद भी सुरक्षित था, सभी को इस मृत शरीर का रहस्य जानने की उत्सुकता रहती थी इसीलिए इस शरीर को 1981 मे चिकित्सकीय खोज के लिए फ्रांस मंगवाया गया और इस शरीर पर डाक्टर मौरिस ने परीक्षण किए ….
परीक्षणों से डाक्टर मौरिस ने निष्कर्ष निकाले कि जिस व्यक्ति की ये मृत देह है उसकी मौत समुद्र मे डूबने के कारण हुई थी क्योंकि डाक्टर मौरिस को उस मृत शरीर मे समुद्री नमक का कुछ भाग मिला था, साथ ही ये भी पता चला कि इस व्यक्ति को डूबने के कुछ ही समय बाद पानी से बाहर निकाल लिया गया था …. लेकिन ये बात डाक्टर मौरिस के समक्ष अब भी एक पहेली थी कि आखिर ये शरीर अपनी मौत के हजारो साल बाद भी सड़ गल कर नष्ट क्यों नहीं हुआ ….
तभी उन्हें अपने एक सहकर्मी से पता चला कि मुस्लिम लोग बिना जांच रिपोर्ट के सामने आए ही ये कह रहे हैं कि ये व्यक्ति समुद्र मे डूब कर मरा था, और ये मृत देह उस फिरऔन की है जिसने अल्लाह के नबी हजरत मूसा (अलैहि सलाम) और उनके अनुयायियों का कत्ले आम कराना चाहा था, क्योंकि फिरऔन की लाश के सदा सुरक्षित रहने और उसके समुद्र मे डूब कर मरने की बात उनकी पवित्र पुस्तक कुरान मे लिखी है जिसपर वो विश्वास करते हैं …
मौरिस को ये सोचकर बहुत हैरत हुई कि इस मृत देह के समुद्र मे डूब कर मरने की जिस बात का पता मैंने बड़ी बड़ी अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से लगाया वो बात मुस्लिमों को पहले से कैसे मालूम चल गई ? और जबकि इस लाश के अपनी मृत्यु के हजारों साल बाद भी नष्ट न होने का पता 1981से महज़ 83 साल पहले चला है, तो उनकी कुरान मे ये बात 1400 साल पहले कैसे लिख ली गई ??
इस शरीर की मौत के हजारों साल बाद भी इस शरीर के बचे रह जाने का कोई वैज्ञानिक कारण डाक्टर मौरिस या अन्य वैज्ञानिक जब पता न लगा सके तो इसे ईश्वर के चमत्कार के अतिरिक्त और क्या माना जा सकता था ??
बाइबल के आधार पर भी मृत देह के मिलने की लोकेशन और चिकित्सकीय परीक्षण के आधार पर उस मृत शरीर की लगभग 3000 वर्ष की उम्र होने के कारण मौरिस को ये विश्वास तो हो रहा था कि ये शरीर फिरऔन का ही है, अत: डाक्टर ने फिरऔन के विषय मे अधिक जानने के लिए तौरात शरीफ (बाइबल : ओल्ड टेस्टामेण्ट) का अध्ययन करने का निर्णय किया, लेकिन तौरात मे उन्हें सिर्फ इतना लिखा हुआ मिला कि फिरऔन और उसकी फौज समुद्र मे डूब गए और उनमें से एक भी नहीं बचा . लेकिन फिरऔन की लाश का कहीं जिक्र तक न था …
मौरिस के ज़हन मे कई सवाल खटकते रहे, और आखिरकार वो इन सवालों के जवाब हासिल करने सऊदी अरब मे चल रही एक बड़ी मेडिकल सेमिनार मे हिस्सा लेने पहुंच गए, जहाँ उन्होंने फिरऔन की मृत देह के परीक्षण मे जो पाया वो बताया, उसी वक्त डाक्टर मौरिस की बात सुनकर एक मुस्लिम डाक्टर ने कुरान पाक खोलकर सूरह यूनुस की ये आयत पढ़कर सुना दी कि…
♥ अल कुरान : “इसलिए हम तेरे जिस्म को बचा लेंगे, ताकि तू अपने बाद वालों के लिए एक निशानी हो जाए ! बेशक बहुत से लोग हमारी निशानियों की तरफ से लापरवाह रहते हैं ” – [सुरह: यूनुस:आयत-92]
इस आयत का डाक्टर मौरिस बुकाय पर कुछ ऐसा असर पड़ा कि उसी वक्त खड़े होकर उन्होने ये ऐलान कर दिया कि- “ मैने आज से इस्लाम कुबूल कर लिया, और इस पवित्र कुरान पर विश्वास कर लिया ”
इसके बाद अपने वतन फ्रान्स वापस जाकर कई साल तक डाक्टर मौरिस कुरान और साइंस पर रिसर्च करते रहे, और फिर उसके बाद कुरआन के साइंसी चमत्कारों के विषय मे ऐसी ऐसी किताबें लिखी जिन्होंने दुनियाभर मे धूम मचा दी

सीरिया। दुनिया को बर्बाद करने निकला ISIS का सरगना बगदादी खुद ही बर्बाद हो गया है। दरअसल बगदादी ने लोगों की लाशें बिछाकर जो काली कमाई जमा की थी, वो तबाह हो गई है। 11 जनवरी 2016 को अमेरिका ने भारी बमबारी कर बगदादी के उस बैंक को भस्म कर दिया जिसमें रखी गई थी खून से सनी कमाई। आतंक के आका को ये सबसे बड़ी चोट लगी है, क्योंकि इस बैंक में इतना धन जमा था कि छोटे मोटे देशों का कई साल का खर्चा पूरा हो जाए।
यही वो बैंक था जहां से हुई थी फ्रांस हमले की फंडिंग। इसी बैंक से बन रही थी अमेरिका ब्रिटेन और दूसरे पश्चिमी देशों पर हमले की साजिश। ये बैंक दुनिया के सबसे अमीर बैंकों में से एक था। दुनिया के ज्यादातर आतंकी संगठन किसी ना किसी देश की सरकारी मदद से चलते हैं। लेकिन ये आईएसआईएस इकलौता आतंकी संगठन है जिसने अपने दम पर भरी थी इस बैंक की तिजोरियां। एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च से खुलासा हुआ था कि बगदादी के इस बैंक में दो अरब डॉलर से ज्यादा की रकम मौजूद थी।
आईएसआईएस ने कई धंधों से कमाया था जिसमें सबसे महत्वपूर्ण थी तेल की तस्करी। जो यूरोपीय देश बगदादी के मानव बमों से डरे हुए हैं, ये तेल उन्हीं देशों में गैरकानूनी तरीके से बेचा गया था। सीरिया और इराक के जिन इलाकों पर बगदादी का कब्जा है वहां तेल के कई कुएं हैं। बगदादी के गुर्गे छोटी रिफाइनरियों से तेल को साफ करके स्मगलरों के पास पहुंचा देते हैं। बगदादी के इस बैंक को भरने के लिए आतंकी लोगों की जेबें भी खाली कराते थे। इराक और सीरिया के इलाके में रहने वाली जनता को ना जाने कितनी चीजों पर टैक्स चुकाना पड़ता है।
उसकी हुकूमत में रहने वाली जनता कोई भी सामान बेचती है तो उस कमाई का एक हिस्सा बगदादी को देना पड़ता है। बिजली और पानी के नाम पर भी उन्हें मोटी रकम भरनी पड़ती है। हर कंपनी को बगदादी टैक्स भरना है। अपने बैंक खाते से पैसे निकालने पर भी टैक्स है। हर तनख्वाह में टैक्स, आईएसआईएस के इलाके में दाखिल होने वाले हर ट्रक ही नहीं अगर गैर मुस्लिम इलाके में लूट हुई तो लूट का माल भी इसी बैंक में जमा होता था। बगदादी की कमाई का एक बड़ा हिस्सा किडनैपिंग इंडस्ट्री से आता है।
एक रिपोर्ट की मानें तो आईएसआईएस ने बीते साल 3 करोड़ 50 लाख डॉलर से लेकर 4 करोड़ 50 लाख डॉलर तक की कमाई की है। इसी कमाई पर रोक लगाने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन ने आतंकवादी संगठनों को फिरौती देना गैरकानूनी करार दिया है। हालांकि, अगवा लोगों के गले पर चाकू रखे आईएसआईएस के नकाबबंद लोगों का वीडियो आता है तो फिरौती पर रोक हटाने की मांग जोर पकड़ जाती है। इसके अलावा बताया जाता है कि कम से कम चार मुल्कों में ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है जो खुलकर नहीं चोरी छिपे बगदादी की तिजोरी भरते रहते हैं।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक बगदादी के मददगार सऊदी अरब, कतर, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात में मौजूद हैं। 2013-14 में ही इन देशों के तमाम अमीर परिवारों, कारोबारियों और अज्ञात दानकर्ताओं ने उसे 4 करोड़ डॉलर की मदद दी थी। बताया जाता है कि इनमें से बहुत से लोगों ने उसे पैसा डर की वजह से और इरान या सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद से दुश्मनी के चलते दिया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत से हर साल लाखों डॉलर की मदद सीरिया के बागी गुटों को दी जाती है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय की मानें तो इस्लामिक स्टेट यानि आईएसआएईएस ने 2014 में ही उत्तरी और पश्चिमी इराक के सरकारी बैंकों पर कब्जा कर लिया था। और उन बैंकों में पड़े 50 लाख डॉलर कब्जा लिए थे।
अमेरिकी खुफिया विभाग के सूत्रों ने अंग्रेजी अखबार गार्जियन को बताया है कि मोसूल पर कब्जे से पहले तक आईएसआईएस के पास कैश और संपत्तियों के तौर पर 875 मिलियन डॉलर थे। बाद में मौसूल के बैंक लूट कर और सैनिक साजोसामान बेच कर उन्होंने करीब डेढ़ अरब डॉलर और उगाह लिए। इस बैंक को भरने के लिए बगदादी ने सिर्फ इंसानों को निशाना नहीं बनाया। उसने बेशकीमती प्राचीन धरोहरों को भी बेच डाला।
पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के मुताबिक बगदादी के लड़ाकों के कब्जे में कम से कम 4500 ऐसी बेशकीमती जगहें हैं जहां के सामान तुर्की और जॉर्डन के काले बाजार में ऊंची कीमत पर बेचे जा रहे हैं। वाशिंगटन इंस्ट्टीयूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी प्राचीन कलाकृतियों की बिक्री से बगदादी को तेल के बाद सबसे ज्यादा पैसा मिल रहा है। बताया जा रहा है कि इसके जरिए बगदादी एक साल में कम से कम 100 मिलियन डॉलर कमा रहा है। बहरहाल अमेरिका के एक हमले ने आतंक के सरगना की सालों की कमाई को धवस्त कर दिया है।

Sunday 17 January 2016

1.प्याज के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
2.प्रतिदिन 1 अखरोट और 10 किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर होती है।
3.टमाटर के सेवन से चिढ़चिढ़ापन और मानसिक कमजोरी दूर होती है।यह मानसिक थकान को दूर करमस्तिस्क को तंदरुस्त बनाये रखता है।इसके सेवन से दांतो व् हड्डियों की कमजोरी भी दूर होती है.
4.तुलसी के पत्तो का रस,अदरख का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1चम्मच की मात्रा में दिन में 3से4 बार सेवन करने से सर्दी,जुखाम व् खांसी दूर होती है।
5.चाय की पट्टी की जगह तेज पत्ते की चाय पीने से सर्दी, जुखाम ,छींके आनानाक बहना ,जलन व् सरदर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
6.रोज सुबह खाली पेट हल्का गर्म पानी पीने से चेहरे में रौनक आती है वजन कम होता है, रक्त प्रवाह संतुलित रहता है और गुर्दे ठीक रहते है।
7.पांच ग्राम दालचीनी ,दो लवंग और एक चौथाई चम्मच सौंठ को पीसकर 1 लीटर पानी में उबाले जब यह 250 ग्राम रह जाए तब इसे छान कर दिन में 3 बार पीने से वायरल बुखार में आराम मिलता है।
8.पान के हरे पत्ते के आधे चम्मच रस में 2 चम्मच पानी मिलाकर रोज नाश्ते के बाद पीने सेपेट के घाव व् अल्सर में आराम मिलता है।
9.मूंग की छिलके वाली दाल को पकाकर यदि शुद्ध देशी घी में हींग-जीरे का तड़का लगाकर खाया जाए तो यह वात, पित्त, कफ तीनो दोषो को शांत करती है।
10. भोजन में प्रतिदिन 20 से 30 प्रतिशत ताजा सब्जियों का प्रयोग करने से जीर्ण रोग ठीक होता है उम्र लंबी होती है शरीर स्वस्थ रहता है।
11.भिन्डी की सब्जी खाने से पेशाब की जलन दूर होती है तथा पेशाब साफ़ और खुलकर आता है।
12.दो तीन चम्मच नमक कढ़ाई में अच्छी तरह सेक कर गर्म नमक को मोटे कपडे की पोटली में बांधकर सिकाई करने से कमर दर्द में आराम मिलता है।
13.हरी मिर्च में एंटी आक्सिडेंट होता है जो की शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैऔर कैंसर से लड़ने में मदद करता है इसमें विटामिन c प्रचुर मात्रा में होता है जो की प्राकृतिक प्रतिरक्षा में सुधार करता है।
14.मखाने को देसी घी में भून कर खाने से दस्तो में बहुत लाभ होता है इसके नियमित सेवन से रक्त चाप , कमर दर्द, तथा घुटने के दर्द में लाभ मिलता है।
15.अधिक गला ख़राब होने पर 5 अमरुद के पत्ते 1 गिलास पानी में उबाल कर थोड़ी देर आग पर पका ठंडा करके दिन में 4 से 5 बार गरारे करने से शीघ्र लाभ होता है।
16.आधा किलो अजवाइन को 4 लीटर पान में उबाले 2 लीटर पानी बचने पर छानकर रखे, इसे प्रतिदिन भोजन के पहले 1 कप पीने से लिवर ठीक रहता है एवशराब पीने की इच्छा नहीं होती.।
17.नीम की पत्तियो को छाया में सुखा कर पीस लें . इस चूर्ण में बराबर मात्रा में कत्थे का चूर्ण मिला ले।इस चूर्ण को मुह के छालो पर लगाकर टपकाने से छाले ठीक होते है।
18.प्रतिदिन सेब का सेवन करने से ह्रदय,मस्तिस्क तथा आमाशय को समान रूप से शक्ति मिलती है तथा शरीर की कमजोरी दूर होती है।
19.20से 25 किशमिश चीनी मिटटी के बर्तन में रात को भिगो कर रख दें।सुबह इन्हें खूब चबा कर खाने से लो ब्लड प्रेसर में लाभ मिलता है व् शरीर पुष्ट होता है।
20. अमरुद में काफी पोषक तत्व होते है .इसके नियमित सेवन से कब्ज दूर होती है और मिर्गी, टाईफाइड , और पेट के कीड़े समाप्त होते है।

एक आलिम शख्स
बाजार में बैठा था ,
बादशाह का गुजर
हुवा बादशाह ने
पूछा : भाई
क्या कर.रहे हो ?
आलिम ने
कहा.बन्दों की अल्लाह
से सुलह
करवा.रहा हूँ ,अल्लाह
तो मान रहा हेvमगर
बन्दे नही मान रहे है...
कुछ दिन बाद आलिम
कब्रिस्तानमें
बैठा था ,
बादशाह
का गुजरहुवा बादशाह
ने कहा भाई क्या कर
रहे हो?
आलिम ने कहा अल्लाह
की बन्दों से सुलह
करवा रहा हूँ ,आज
बन्दे तो मान रहे हैं
लेकिन आज अल्लाह
नहीं मान रहा है.....
काश इस बात
की गहराई हर
मुस्लिम समझ जाए ...
अभी वक़्त है अल्लाह
को मनाने का..
मना लिया जाए ...
इंशा अल्लाह ....आमीन
बच्चा स्कूल ना जाये
तो हम मारते हैं ,
मस्जिद न जाये
तो कोई बात नहीं .?
.
* अगर हम नॉन -
मुस्लिम कि तरह कपडे
पहनें
तो हाई स्टैण्डर्ड ,
अगर मुस्लमान
कि तरह पहनें
तो लौ स्टैण्डर्ड ,
.
* इंग्लिश सीखने
ना जाये तो मारते हैं ,
कुरान पाक ना सीखें
तो कोई बात
नहीं .?
.
* "A " फॉर एप्पल
सिखाया मगर
"A" फॉर अल्लाह
नहीं सिखाया .?
"B" फॉर बाल सिखाई
"B" फॉर
बिस्मिल्लाह
ना सिखाया .?
.
* इंडियन एक्टर
कि नक़ल करें
तो ख़ुशी होती है ,
आप (सल्लल्लाहु
अलैहि वसल्लम )
कि सुन्नत
पे अमल करें तो मज़ाक़
उड़ाते हैं ?
.
* शेयर मत करना , आँखें
बंद कर के डिलीट कर
दो ,
क्यूँ के ,
ऐसा करने से लोग
मज़ाक़ उड़ाएंगे
"ज़रा गौर
तो कीजिये हम किस
जहाँ कि तैयारी कर
रहे ह
Nice line
मिली थी जिन्दगी
किसी के 'काम' आने के लिए..
पर वक्त बित रहा है
कागज के टुकड़े कमाने के
लिए..
क्या करोगे
इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र
मे 'अलमारी..'
और ये मौत के फ़रिश्ते तो
'रिश्वत' भी नही लेते...
✔<@नमाज के 7 इनाम@>
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
✔रोजी में बरकत
✔तन्दरुस्त सेहत
✔नेक औलाद
✔खुशहाल घर
✔दुनिया में इज्जत
✔मैदाने हश्र में जामे
कौशर
✔आखिरत में जन्नत
Holland Parliament elected Muslim Speaker for first time

Amsterdam: For the first time, the Parliament of Holland elected a Muslim lady from Morocco as its Speaker. Ms. Khadija Arib migrated from to Holland. She was born in 1960. She is the first Arab lady who would preside of the Second Chamber of the Parliament of Holland.
It may be noted that as per the Govt. statistics, in the population of 17 million people, Holland has 3.80 lakh Morocco origin Arabs.
In the recently held polling, Ms. Khadija polled 83 votes. Out of the 150 members of the Parliament, 134 participated in voting.
जम्मू-कश्मीर के अति संवेदनशील पुंछ जिले के मेंढर निवासी मोहम्मद रफीक खान शनिवार को गया सैन्य अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से सेना के अधिकारी बनकर निकले। विशेष कमीशन अधिकारी मोहम्मद खान का कहना है कि उनके सेना में शामिल होने से घाटी के युवकों में अच्छा संदेश जाएगा।
मोहम्मद रफीक खान ने कहा कि वे समाज को "मोटिवेट" कर भटके हुए बच्चों को मुख्य धारा में वापस लाने की पहल करेंगे। उनके पिता मोहम्मद शफीक खान पेशे से राजमिस्त्री हैं, जिन्होंने अपनी पुत्रियों की परवरिश व उनकी शादी के बाद मुझे पढ़ाया, ताकि मैं एक अच्छा इंसान बनकर देश की सेवा कर सकूं। मोहम्मद शफीक खान शनिवार को पुत्र को सैन्य अधिकारी के रूप में देख अपनी खुशी को छिपा नही सके। कभी पुत्र को गले लगाते तो कभी उसके माथे को चूमने लगते। उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा देश व राज्य का नाम रोशन करेगा।
वायु सेनाध्यक्ष ने दी बधाई
वायु सेनाध्यक्ष अरूप राहा ने मोहम्मद शफीक खान को बधाई देते हुए कहा कि उनका पुत्र मोहम्मद रफीक खान देश की आन-बान की रक्षा के लिए सेना का अधिकारी बना है। आपने अपने पुत्र को अच्छा संस्कार दिया। कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि एक साल तक रफीक को अधिकारी बनाने के लिए सेना के कई अधिकारी व सैनिकों ने मेहनत की है।
ये हैं वह सेलेब्रिटी जिन्होंने इस्लाम कुबूला

ये हैं वह सेलेब्रिटी जिन्होंने इस्लाम कुबूला। जी हाँ ये है वो सेलेब्रिटी जिन्होंने इस्लाम को जाना और दिल से माना और दिल से इस्लाम को कुबूल भी किया, दुसरे धर्म में पैदा होने के बावजूद इन्हें इसलाम की सच्चाई इतनी पसंद आई के अपना धर्म छोड़ कर मुस्लमान हो गये और पूरी ज़िन्दगी इस्लाम के नाम कर दी
ए आर रहमान – इनका जन्म हिन्दू परिवार में हुआ था, लेकिन बाद में इन्होंने पूरे दिल से इस्लाम कबूल कर लिया था।
अमृता सिंह – सैफ के प्यार में पड़ने के बाद अमृता भी सिख से मुसलमान बनने में बिल्कुल नहीं झिझकीं।
शर्मिला टैगोर– मंसूर अली खान मुस्लिम थे और शर्मिला हिन्दू। शर्मिला के लिए प्यार के आगे धर्म के कोई मायने नहीं थे। ऐसे में शर्मिला ने भी इस्लाम धर्म को अपनाया और बेगम आयशा सुल्ताना बन गईं।
यूसुफ योहाना– दाहिने हाथ से शानदार बल्लेबाजी करने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ी यूसुफ योहाना 2005 से पहले इसाई थे। उसके बाद इन्होंने मुस्लिम धर्म को आपना लिया। मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद इन्होंने आपना नाम मोहम्मद यूसुफ कर लिया था।
माइकल जैक्सन – अक्सर अपने डांस के कारण चर्चा में रहने वाले पॉप स्टार माइकल जैक्सन ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल कर लिया था। उन्होंने अपना नाम बदलकर मिकाइल कर लिया था ।
ममता कुलकर्णी- 90 के दशक में बॉलीवुड में धूम मचाने वाली अभिनेत्री ममता कुलकर्णी और उनके पति विक्की गोस्वामी ने एक साथ ही मुस्लिम धर्म अपना कर शादी की थी।
अंडरटेकर- इन्होंने भी बाद में मुस्लिम धर्म अपना लिया था और उसके बाद इन्होंने अपना नाम मोहम्मद इस्माइल टेकर रख लिया था।

 
मुस्लिम वैज्ञानिक अब्बास इब्न-फ़िरनास ने खोजा था उड़ने का तरीक़ा

अब्बास इब्न फ़िरनास जिनका जन्म इज़्न-रैंड ओंडा, अल-अन्द्लूस(आज के स्पेन) में 810 में हुआ था. इब्न-फ़िरनास कई तरह का हुनर रखते थे, वो खोजकर्ता भी थे, चिकित्सक भी, इंजिनियर भी और शा’इर भी. उन्होंने आने वाली नस्लों को बहुत कुछ दिया, उन्हीं में से एक थी उनकी उड़ने की कोशिश.
उन्होंने अपने दोनों हाथों पर बड़े बड़े पंख लगा लिए और उड़ने के लिए तय्यार हो गए. कुछ देर बाद जब वो उड़े तो वो एक अच्छी ख़ासी दूरी तक उड़े, वहाँ खड़े लोगों को तो यूं लगा जैसे कि कोई छिडिया उड़ रही है लेकिन जब वो वापिस उतरने की कोशिश करने लगे तो उसमें उन्हें काफ़ी परेशानी हुई और उसमें उनकी पीठ को बुरी तरह चोट लग गयी. वो सिर्फ़ ये नोटिस नहीं कर सके कि चिड़ियाएँ अपनी पूछ की मदद से उतरती हैं जबकि उन्होंने पूछ का इंतज़ाम नहीं किया था. आसमान में उड़ने की ये एक कामयाब कोशिश थी. इस खोज के वक़्त वो 65 साल के थे. चश्मदीदों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि ये उड़ान पक्षियों से भी तेज़ थी.
मशहूर इतिहासकार फ़िलिप हिट्टी इसके बारे में अपनी किताब “अरब की तारीख़”(हिस्ट्री ऑफ़ अरब्स) में कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि हवाई जवाज़ का इन्वेन्टर इब्न फ़िरनास थे ना कि राईट ब्रदर्स ने.
इब्न फ़िरनास के सम्मान में उनके नाम पर चाँद में एक बड़े गड्डे का नाम (क्रेटर इब्न-फ़िरनास) रखा गया है. इब्न फ़िरनास का निधन सन 887 में आज के स्पेन में हुआ.
 
बीफ रखने के शक में स्टेशन पर मुस्लिम को पीटा, बैग की तलाशी भी ली

भोपाल. हरदा जिले के खिरकिया रेलवे स्टेशन पर कुछ लोगों ने मुस्लिम कपल के बैग की तलाशी लेने की कोशिश की। जब कपल ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई। आरोपियों को शक था कि कपल के बैग में बीफ है।
कौन थे मारपीट करने वाले लोग…
बैग की तलाशी लेने की कोशिश और मारपीट करने वाले सात लोग गौरक्षा समिति के मेंबर्स थे।
– बुधवार को हुई इस घटना की पुलिस ने भी पुष्टि की है।
क्या है मामला?
– पुलिस के मुताबिक, गौरक्षा समिति के मेंबर्स का दावा था कि उन्हें कुशीनगर एक्सप्रेस में मुस्लिम कपल के पास बीफ होने की सूचना मिली थी।
– खिरकिया स्टेशन पर समिति के कुछ लोग जनरल कम्पार्टमेंट में चढ़े। उन्होंने कपल के बैग की तलाशी लेने की कोशिश की। विरोध किए जाने पर हमला किया।
– पुलिस के मुताबिक लैब टेस्ट में यह साबित हुआ कि यह भैंस का मीट था। दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके नाम हेमंत राजपूत और संतोष हैं।
– झगड़े के आरोप में कपल के रिश्तेदार समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन सभी को बाद में बेल मिल गई।
क्या कहा कपल ने?
– मोहम्मद हुसैन ने बताया कि वे पत्नी नसीमा के साथ हैदराबाद से हरदा लौट रहे थे। हुसैन के मुताबिक, आरोपियों ने जब बैग की तलाशी लेने की कोशिश की तो पत्नी ने विरोध किया।
– हुसैन ने कहा, “हम भारत में रहते हैं और हमें पता है कि क्या सही और क्या गलत है। हम केवल बकरे का मीट खाते हैं। जिस बैग में मीट था वो हमारा नहीं था। पुलिस ने पत्नी को बचाया।”
– हुसैन ने कहा कि मुझे पीटा गया। पत्नी से बदसलूकी की गई। मामला सामने आने के बाद इस कपल को खंडवा में एक रिश्तेदार के यहां रात बितानी पड़ी।
क्या कहना है पुलिस का?
– खिरकिया पुलिस के एएसआई के. रिछारिया ने कहा कि लोकल लैब में बैग की जांच कराई गई। इसमें साबित हुआ की बैग में भैंस का मीट था।
– इटरासी के आरपीएफ इन्चार्ज डीके. जोशी ने कहा कि हेमंत और संतोष को जेल भेज दिया गया है। पांच लोगों की तलाश जारी है।
– हरदा के एमएलए रामकिशोर डोंगरे ने कहा कि बजरंग दल और वीएचपी के प्रेशर की वजह से पुलिस ने कपल के रिश्तेदारों के खिलाफ केस दर्ज किया है। डोंगरे ने कहा, “पहले तो कपल को परेशान किया गया। इसके बाद उनके ही रिश्तेदारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।”
गोमांस को लेकर पिछले कुछ महीनों से जारी हैं विवाद
– गोमांस रखने के शक में अक्टूबर में यूपी के दादरी में एक शख्स अखलाक की हत्या और कन्नड़ लेखक कलबुर्गी के मर्डर के बाद इन्टॉलरेंस का मुद्दा भड़का और अवॉर्ड वापसी की शुरुआत हुई। बाद में जांच में पता चला कि अखलाक के घर में गोमांस नहीं, मटन था।
– नवंबर जम्मू-कश्मीर में विधायक इंजीनियर राशिद ने बीफ पार्टी दी तो कुछ विधायकों ने उनके साथ मारपीट कर दी।
– बीजेपी की सरकार वाले राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक आर्ट समिट में आर्टिस्ट सिद्धार्थ कलवार के साथ मारपीट हुई। कलवार ने गाय के पुतले को गुब्बारे के सहारे हवा में लटकाया था। पुलिस भी उन्हें अरेस्ट कर थाने ले गई।
– दिसंबर में हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में बीफ फेस्टिवल और पोर्क पार्टी को लेकर दो गुट आमने-सामने हो गए। एक स्टूडेंट्स संगठन ने बीफ फेस्टिवल का एलान किया। दूसरे ग्रुप ने उसी दिन पोर्क पार्टी देने की बात कही। इस पर यूनिवर्सिटी में तनाव का माहौल रहा।

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